ईर्ष्या उपन्यास का विमोचन एवं परिचर्चा सम्पन्न

मुंबई। आर के पब्लिकेशन मुंबई  द्वारा आयोजित कार्यक्रम में पश्चिम रेलवे के इंजीनियर महावीर सिंह ‘मोहन’ द्वारा लिखित उपन्यास ईर्ष्या का विमोचन राम नारायण रुइया के हिंदी विभाग प्रमुख प्रवीण चंद्र बिष्ट, सीमा शुल्क आयुक्त असलम हसन, साहित्यकार शशिधर त्रिपाठी, पत्रकार सुभाष दवे, युवा कथाकार शिवेंद, प्रकाशक रामकुमार के हाथों प्रेस क्लब मुंबई  के सभागार में सम्पन्न हुआ।
युवा कवयित्री पल्लवी रानी  ने  कार्यक्रम का संचालन व  संस्था के सचिव रामकुमार द्वारा लेखक का स्मृति चिन्ह देकर सम्मान किया गया। कार्यकम के अंत में पवन तिवारी ने अपनी चर्चित कविता बेटियां का पाठ किया। पुस्तक की प्रशंसा करते हुए असलम हसन जी ने कहा कि ईर्ष्या अगर प्रतिस्पर्धा के रुप में हो तो इंसान को महानता की तरफ ले जाती है। त्रिपाठी ने कहा कि ईर्ष्या से कोई बच नही सकता लेकिन यदि इसे सकारात्मक रुप से लिया जाए तो यह प्रेरणा का कार्य करती है। शिवेंद्र ने इसे आत्मकथात्मक उपन्यास बताते हुए इसके कथानक पर विस्तार से चर्चा की। सुभाष दवे ने इस किताब के प्रमुख बिंदुओं पर प्रकाश डाला। बिष्ट ने अपने उद्बोधन में कहा कि यह पुस्तक आज के परिवेश की कहानी है। इस अवसर पर लेखक ने बांसुरी बजाकर सबका मन मोह लिया। इस मौके पर कथाकार राजेश विक्रांत, रामस्वरूप साहू, ताराचंद मकसाने,संजय रोकड़े, त्रिलोचन अरोड़ा, गुलाबचंद यादव, कृष्ण कुमार मिश्र , सुनील कुमार भगत, तनयवीर अवस्थी, डॉ सुधीर चौबे, लक्ष्मी यादव, डॉ महिमा त्रिपाठी, रजनी साहू, डॉ मो.जावेद,गंगाशरण, शिव दत्त अक्स, मनमोहन धीर, नंदलाल क्षितिज, मधु वर्मा सहित कला, साहित्य, संस्कृति से जुड़े तमाम लोग उपस्थित थे।

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