क्या भ्रष्टाचार में लिप्त अधिकारियों का सम्मान करना चाहिए? नागरिकों में चर्चा !
वसई। वसई-विरार शहर मनपा के पूर्व आयुक्त अनिल कुमार पवार के लिए सोमवार को एक भव्य विदाई समारोह आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम में स्थानीय विधायक, पूर्व विधायक, पूर्व महापौर, पूर्व नगरसेवक और समाजसेवकों ने उन्हें गुलदस्ते देकर सम्मानित किया। लेकिन ठीक इसके अगले ही दिन, मंगलवार सुबह ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) ने अनिल पवार के वसई स्थित मनपा आवास सहित 12 ठिकानों पर छापा मार कार्रवाई की।
पूर्व आयुक्त के मनपा में रहते हुए विभिन्न विभागों पर करोड़ों रुपये के घोटालों और भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप हैं! ऐसे में उनके सम्मान में आयोजित यह समारोह और उसमें नेताओं की मौजूदगी ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं। आम नागरिकों और समाजिक संगठनों ने सवाल किया है कि क्या भ्रष्टाचार के आरोपों में घिरे अधिकारियों को ऐसे मंचों पर सम्मानित किया जाना चाहिए? ईमानदारी को, सिस्टम को, और जनता को यह क्या सदेंश देगा?
स्वराज अभियान अध्यक्ष और पूर्व नगरसेवक धनजय गावड़े का कहना है, एक तरफ जनता मूलभूत सुविधाओं के लिए परेशान है, और दूसरी तरफ घोटालों के आरोप झेल रहे अधिकारी को फूलों से सम्मान दिया जा रहा है। ये शर्मनाक है।
गौरतलब है कि अनिल पवार के कार्यकाल में कई ठेके, सफाई विभाग, परिवहन और जल आपूर्ति से जुड़े मामलों में गड़बड़ियों की शिकायतें लगातार मिलती रही थीं, जिस पर अब ईडी ने बड़ी कार्रवाई शुरू की है। अब देखना होगा कि इस कार्रवाई का असर सिर्फ अधिकारियों तक सीमित रहेगा या उन जनप्रतिनिधियों तक भी पहुंचेगा जो भ्रष्टाचार के खिलाफ बोलने के बजाय चुपचाप गुलदस्ता थमा रहे हैं।