क्राइम ब्रांच यूनिट 3 ने पाई सफलता, माल जब्त
विरार। विरार पुलिस स्टेशन अंतर्गत दिनांक 22 जून 2023 को सुबह 11 बजे जब वादी दीपक श्रीकिशन कुशवाहा विरार पश्चिम स्थित पंजाब नेशनल बैंक गए तो आरोपी ने उससे वादी के बैंक में पैसे जमा करने में मदद करने के लिए कहा जहां वादी ने उसे 76 हजार रुपये दिये। लेकिन आरोपी ने उससे झूठ बोलकर वादी द्वारा दिये गये पैसे को लेकर धोखाधड़ी की। जिसके बाद वादी ने धोखाधड़ी को लेकर विरार पुलिस स्टेशन में शिकायत पर पुलिस ने आईपीसी की धारा 420, 34 के तहत मामला दर्ज किया कर जांच में जुट गई। वहीं पिछले कुछ महीनों से मीरा-भाईदार, वसई-विरार पुलिस आयुक्तालय क्षेत्र में धोखाधड़ी के अपराधों में वृद्धि के कारण, वरिष्ठ अधिकारियों ने इन घटनाओं को गंभीरता से लिया है और आरोपियों की तलाश कर उन्हें रोकने के निर्देश दिए हैं। उक्त अपराध को लेकर वरिष्ठजनों द्वारा दिये गये निर्देश एवं मार्गदर्शन अनुसार क्राइम ब्रांच यूनिट 3 विरार के पुलिस अधिकारी, तकनीकी विश्लेषण और गुप्त मुखबिर द्वारा प्राप्त जानकारी के आधार पर, आरोपी 1) मुस्ताक मुबारक शेख, 2) विशाल राजभर और 3) सूरज उर्फ प्रदीप पारसनाथ दुबे को 22 जून 2023 को धोखाधड़ी वाले अपराध में इनके पास से 21 हजार रुपये कीमती सामान के साथ हिरासत में लिया गया। इसके साथ ही आरोपी के पिछले रिकॉर्ड की जांच करने के बाद, उक्त आरोपी के खिलाफ मुंबई, मीरा-भाईंदर, वसई-विरार आयुक्तालय और पालघर में 10 से अधिक अपराध दर्ज किए गए हैं और वर्तमान में वर्सोवा पुलिस स्टेशन (मुंबई पुलिस आयुक्तालय) की हिरासत में है। यह कार्रवाई अविनाश अंबुरे, पुलिस उप आयुक्त (क्राइम), अमोल मांडवे सहायक पुलिस आयुक्त (अपराध) के मार्गदर्शन में क्राइम ब्रांच यूनिट 3, विरार पुलिस निरीक्षक प्रमोद बडाख, पुलिस उपनिरीक्षक शिवाजी खाडे, उमेश भागवत, पुलिस हवलदार अशोक पाटील, मनोज चव्हाण, मुकेश तटक, सचिन घेरे, सागर बारावकर, मनोज सकपाळ, अश्विन पाटील, पुलिस अमलदार राकेश पवार, सुमित जाधव, सुनिल पाटील, युवराज वाघमोडे, म. सु. ब. सागर सोनवणे, गणेश यादव, प्रविण वानखेडे तसेच स.फौ. संतोष चव्हाण एवं सायबर गुन्हे शाखा ने की है।