सुशील सिंह
कल्याण। कल्याण डोंबिवली महानगरपालिका के शक्ती धाम प्रसूति गृह में एक दो महीने की गर्भवती महिला की मौत के मामले ने स्थानीय समुदाय में हड़कंप मचा दिया है। महिला के परिजनों का आरोप है कि डॉक्टरों और आशा वर्कर ने उन्हें गुमराह कर गर्भपात और गर्भनिरोधक ऑपरेशन के लिए भर्ती किया था। महिला के परिजनों के अनुसार, उन्हें बताया गया था कि यह केवल मुतखड़ा का ऑपरेशन है। ऑपरेशन के दौरान महिला की हालत बिगड़ गई और उसे अमेय हॉस्पिटल, कल्याण (पूर्व) ले जाया गया, जहां रुग्णवाहिका में ही उसकी मौत हो गई।

इस घटना के बाद, स्थानीय लोगों ने न्याय की मांग को लेकर प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों में अखिलेश मौर्य, राहुल काटकर, विनोद तिवारी, योगेश मिश्रा, शैलेश तिवारी और पीड़ित को न्याय दिलाने के लिए समाजसेवक और स्थानिक लोग शामिल थे। उन्होंने अस्पताल प्रशासन, डॉक्टरों और अन्य संबंधित व्यक्तियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग की। कल्याण डोंबिवली महानगरपालिका के स्वास्थ्य विभाग ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए लिखित जांच का आश्वासन दिया है। आंदोलनकारियों की मांगों को सुनने के बाद, पुलिस और केडीएमसी के अधिकारियों की रिक्वेस्ट पर अनशन समाप्त कर दिया गया। महानगरपालिका के आयुक्त ने मामले की गंभीरता को समझते हुए जांच के आदेश दिए हैं। जांच के लिए एक समिति का गठन किया गया है, जिसमें जिला शल्यचिकित्सक भी शामिल हैं।
स्वास्थ्य विभाग ने आश्वासन दिया है कि यदि जांच में कोई भी दोषी पाया गया, तो उनके खिलाफ उचित कार्रवाई की जाएगी। इस घटना ने कल्याण डोंबिवली के स्वास्थ्य सेवाओं पर सवाल उठाए हैं और स्थानीय लोगों में गहरी चिंता पैदा की है।