पीएम के हाथों सम्मानित हो चुके कौशलराज शर्मा बने सीएम योगी के सचिव

बेस्ट सिविल सर्वेंट का अवार्ड, बेस्ट इलेक्ट्रोल रोल समेत कई और सम्मान भी हासिल कर चुके है कौशलराज

सुरेश गांधी

वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के हाथों सम्मानित हो चुके कौशलराज शर्मा अब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सचिव होंगे। उन्हें पीएम मोदी ने बेस्ट सिविल सर्वेंट का अवार्ड, बेस्ट इलेक्ट्रोल रोल समेत कई और सम्मान से भी सत्तानित किया है। वाराणसी में साढ़े पांच वर्षों के कार्यकाल में उन्होंने न सिर्फ अमिट छाप छोड़ी है, बल्कि पहले डीएम और फिर मंडलायुक्त के तौर पर किए कई बड़े कार्य कराएं हैं। साढ़े 11 वर्षों की फील्ड पोस्टिंग के बाद उन्हें अब शासन में महत्वपूर्ण जिम्मेदारी मिली है। प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री कार्यालय की सीधी निगरानी में उन्होंने वाराणसी में कानून व्यवस्था से लेकर बड़ी परियोजनाओं को पूरा करने में बड़ी भूमिका निभाई है। अपने कार्यकाल में उन्होंने 27,250 करोड़ की 320 परियोजनाओं का न सिर्फ लोकार्पण कराया, बल्कि वर्तमान में 15340 करोड़ की 101 परियोजनाओं पर काम चल रहा हैं। कोविड महामारी में भी उनकी कुशल प्रशासनिक क्षमता देखने को मिली थी। लॉकडाउन में कालाबाजारी रोकने का तरीका पूरे प्रदेश के लिए माडल बन गया था।



उनके वाराणसी के कार्यकाल में 25 पीएम विजिट, चार राष्ट्रपति, तीन उपराष्ट्रपति व 25 से ज्यादा बार राज्यपाल व 98 बार मुख्यमंत्री का आगमन हुआ। एसईओ, जी- 20 तथा अन्य आयोजनों में आए विदेशी राजनयिकों का उन्होंने शानदार आतिथ्य किया। खास यह है कि डीएम से मंडलायुक्त बनाकर पीएमओ का किया गया अभिनव प्रयोग सफल रहा। डीएम रहते उन्होंने एमएलसी, पंचायत व विधानसभा चुनाव-2022 और मंडलायुक्त के तौर पर लोकसभा चुनाव- 2024 कराया। श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में श्रद्धालुओं के लिए उच्च स्तरीय सुविधाओं के प्रबंध, महाकुंभ- 2025 की व्यवस्था को श्रद्धालुओं ने खूब सराहा। न्यायालय के आदेश पर शांतिपूर्ण तरीके से ज्ञानवापी परिसर के कोर्ट कमीशन, एएसआई सर्वे की कार्रवाई एवं तहखाने में पूजा- पाठ शुरू कराया। उनके कार्यकाल में आयुक्त न्यायालय के मुकदमों के निस्तारण में रिकॉर्ड तेजी लायी गयी। प्रस्तुत है सीनियर रिपोर्टर सुरेश गांधी की कौशलराज शर्मा से खास बातचीत।

बता दें, वाराणसी के जिलाधिकारी के तौर पर कौशल राज शर्मा ने 2 नवंबर 2019 को कार्यभार संभाला और तत्काल ही 9 नवंबर 2019 को श्रीराम जन्मभूमि प्रकरण में मा. उच्चतम न्यायालय के आने वाले आदेश के दृष्टिगत वाराणसी में शांति व्यवस्था कायम करने के प्रयास प्रारंभ कर दिये। उन्होंने अपनी प्रशासनिक क्षमता दिखाते हुए सभी संस्थाओं, समुदायों, गणमान्य नागरिकों व शांति समितियों को सक्रिय किया। तत्पश्चात दिसम्बर- 2019 से सिटीजनशिप अमेंडमेंट एक्ट (सीएए- एनआरसी) लागू होने की दृष्टिगत शांति व्यवस्था कायम करने के लिए बड़े स्तर पर प्रयास किये। देश के अलग-अलग शहरों में शांति व्यवस्था की समस्याएं होने के बावजूद वाराणसी को शांत रखने में भरपूर प्रयास किये। जनपद के सभी धर्म गुरुओं और गणमान्य व्यक्तियों का सहयोग लेकर शांति व्यवस्था बनाए रखी। मार्च- 2020 के अंतिम सप्ताह में कोविड महामारी के दस्तक देते ही पूरे देश से दो दिन पूर्व वाराणसी में लॉकडाउन लगवा कर जन सहयोग से कोरोना महामारी से निबटने के प्रयास प्रारंभ किये, लॉकडाउन में कोरोना बीमारी के इलाज की व्यवस्था के साथ-साथ लॉकडाउन का पालन करवाना, विदेशी पर्यटकों के वाराणसी में फंस जाने की वजह से उनको उनकी एम्बेसी के माध्यम से वापस अपने देश भिजवाना, वाराणसी में विभिन्न प्रदेशों- विशेष कर दक्षिण भारतीय श्रद्धालुओं के फंस जाने की वजह से रेडक्रॉस के माध्यम से बसें अरेंज करके उन्हें अपने प्रदेश भेजने की व्यवस्था की। वहीं कोटा, राजस्थान से स्पेशल ट्रेन से आए बच्चों की टेस्टिंग, उनके खाने-पीने, आइसोलेशन की व्यवस्था के साथ ही ट्रेन से आगे जा रहे बच्चों के खाने-पीने की समुचित व्यवस्था रेलवे स्टेशन पर ही कराई गई।

इसके अतिरिक्त आइसोलेशन जोन, सैनिटाइजेशन, एलोपैथिक-आयुर्वेदिक- होम्योपैथिक दवाओं की व्यवस्थाएं करना, स्वास्थ्य जांच कराना, टेस्टिंग कराना, टेस्टिंग के इंस्ट्रूमेंट और किट बढ़वाना, अधिक से अधिक टीम बनाकर सरकारी कर्मचारियों को मोबिलाइज करना, स्वास्थ्य विभाग, नगर निगम राजस्व, पुलिस सबका बेहतर प्रबंधन करके कोरोना महामारी के असर को यथा संभव वाराणसी में नियंत्रित रखा। लॉकडाउन के दौरान वाराणसी में वस्तुओं की कालाबाजारी रोकने हेतु कौशल राज शर्मा, तत्कालीन एसएसपी प्रभाकर चौधरी के साथ सामान्य विद्यार्थी बनकर मार्केट में औचक घूमते हुए मुनाफाखोरी करने वाले दुकानदारों को पकड़ने के लिए भी याद किए जाते हैं। अपने कार्यकाल के दौरान कौशल राज शर्मा ने जिला निर्वाचन अधिकारी के तौर पर वाराणसी खंड स्नातक एवं खंड शिक्षक निर्वाचन, पंचायत चुनाव, विधानसभा चुनाव- 2022 और मंडलायुक्त के स्तर पर चारों जिलों में नगर निकाय निर्वाचन तथा लोकसभा का सामान्य निर्वाचन- 2024 का मार्गदर्शन किया। मंडलायुक्त न्यायालय में भी कौशल राज द्वारा गत वर्ष अपने लक्ष्य 480 केस प्रतिवर्ष के स्थान पर 1280 मुकदमों में निर्णय दिए और उनके कार्यकाल में सारे मंडल न्यायालयों का राजस्व मुकदमों का निस्तारण पिछले कई वर्षों में सर्वाधिक रहा। विशेष रूप से उन्होंने सबसे पुराने मुकदमों में निर्णय देकर उनका निस्तारण किया। कौशल राज शर्मा फील्ड में तैनात संभवत पहले ऐसे अधिकारी हैं जिन्होंने भारत के प्रधानमंत्री के 25 विजिट वाराणसी में अपने कार्यकाल के दौरान कराये। यह भ्रमण सुरक्षा, प्रोटोकॉल व प्रशासनिक व्यवस्थाओं के लिए तो महत्वपूर्ण थे ही साथ में वाराणसी की विभिन्न विकास की परियोजनाओं को लागू करने और उनमें बेहतर रिजल्ट देने की दृष्टि से भी महत्वपूर्ण थे। प्रधानमंत्री का संसदीय क्षेत्र होने के नाते केंद्र व राज्य सरकार के सभी विभागों की योजनाएं, साथ ही साथ यहां चल रहे विभिन्न विशेष प्रोजेक्ट समय पर व गुणवत्ता से पूरा कराने की जिम्मेदारी भी उन पर थी। इन योजनाओं और प्रोजेक्ट्स को समय से पूरा करने के साथ ही उन्होंने जिस कला से जनता का विश्वास भी बनाए रखा शायद इसी वजह से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के 11 साल के कार्यकाल में साढ़े 5 साल वो उनके संसदीय क्षेत्र में पोस्टेड रहे। यह केंद्र और राज्य दोनों सरकारों के उनके प्रति विश्वास को स्पष्ट करता है।

प्रधानमंत्री के विजिट के साथ-साथ कौशल राज शर्मा अपने कार्यकाल में चार राष्ट्रपति विजिट, तीन उपराष्ट्रपति विजिट और 25 से ज्यादा राज्यपाल विजिट भी कराये। प्रदेश के मुख्यमंत्री इनके कार्यकाल में 98 बार प्रशासनिक भ्रमण पर वाराणसी आए। इन सभी विजिट के दौरान मुख्यमंत्री द्वारा वाराणसी की सभी योजनाओं व परियोजनाओं की वृहद समीक्षा, वाराणसी के विकास के भविष्य की प्लानिंग तथा परियोजनाओं के स्थलीय निरीक्षण आदि की पूर्ण जिम्मेदारी कौशल राज शर्मा द्वारा बखूबी निभाई गई। कौशल राज शर्मा और उनकी टीम ने काशी में विदेशी मेहमानों की भी उच्च स्तर की मेहमाननवाजी की। जिसमें मुख्य रूप से शंघाई कोऑपरेशन ऑर्गेनाइजेशन के देशों के डेलिगेट्स के कई कार्यक्रम, जी-20 के 6 बड़े सम्मेलन, देव दीपावली आदि पर उच्चायुक्तों के भ्रमण व श्रीलंका, मॉरिशस, नेपाल आदि कई राष्ट्राध्यक्षों के औपचारिक भ्रमण के कार्यक्रम भी शामिल थे। इस दौरान वाराणसी शंघाई कोऑपरेशन ऑर्गेनाइजेशन की पहली सांस्कृतिक राजधानी भी रही। प्रधानमंत्री कार्यालय ने कौशल राज शर्मा को जिलाधिकारी वाराणसी से यहीं मंडलायुक्त वाराणसी मंडल बनाकर एक निरंतरता की कड़ी भी जोड़ने का प्रयोग किया।

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