गुलामी आक्रमण और साजिशों के बाद भी भारत की चेतना की लौ जलती रही: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

नागपुर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि हम अपने देश का इतिहास देखें तो सैकड़ों वर्षों की गुलामी, इतने आक्रमण, भारत की सामाजिक संरचना को मिटाने की इतनी क्रूर कोशिशें, लेकिन भारत की चेतना कभी समाप्त नहीं हुई, उसकी लौ जलती रही। कठिन से कठिन दौर में भी भारत में चेतना को जागृत रखने वाले नए-नए सामाजिक आंदोलन होते रहे। भक्ति आंदोलन का उदाहरण हम सभी को पता है। मध्यकाल के उस कठिन कालखंड में हमारे संतों ने भक्ति के विचारों से हमारी राष्ट्रीय चेतना को नई ऊर्जा दी।
नागपुर में माधव नेत्रालय संस्थान का उद्घाटन करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि हमारा शरीर परोपकार के लिए ही है, सेवा के लिए ही है और जब ये सेवा संस्कारों में आ जाती है तो सेवा ही साधना बन जाती है। यही साधना तो हरेक स्वयंसेवक की प्राणवायु होती है। ये सेवा संस्कार, ये साधना, ये प्राणवायु पीढ़ी दर पीढ़ी हर स्वयंसेवक को तप-तपस्या के लिए प्रेरित कर रही है। ये सेवा साधना हर स्वयंसेवक को निरंतर गतिमान रखती है, ये कभी थकने और रुकने नहीं देती है। हम देव से देश और राम से राग के जीवन मंत्र लेकर चले हैं। अपना कर्तव्य निभाते चलते हैं। इसलिए बड़ा छोटा कैसा भी काम हो, कोई भी क्षेत्र हो, संघ के स्वयंसेवक नि:स्वार्थ भाव से काम करते हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, कि लाल किले से मैंने सबके प्रयास की बात कही थी। आज स्वास्थ्य के क्षेत्र में देश जिस तरह काम कर रहा है, माधव नेत्रालय उन प्रयासों को बढ़ा रहा है। देश के सभी नागरिकों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मिलें यह हमारी प्राथमिकता है। देश में गरीब से गरीब व्यक्ति को भी अच्छे से अच्छा इलाज मिले, कोई भी देशवासी जीवन जीने की गरिमा से वंचित ना रहे, अपना जीवन देश के लिए दे चुके बुजुर्गों को इलाज की चिंता सताती ना रहे, यह सरकार की नीति है। इसलिए आयुष्मान भारत के कारण आज करोड़ों लोगों को मुफ्त इलाज की सुविधा मिल रही है। बीते 10 साल में गांवों में लाखों आयुष्मान आरोग्य मंदिर बने हैं। जहां से लोगों को देश के सर्वश्रेष्ठ डॉक्टरों से टेलीमेडिसिन से कंसल्टेशन मिलता है, प्राथमिक इलाज मिलता है और आगे के लिए सहायता होती है। उन्हें रोगों की जांच के लिए सैकड़ों किलोमीटर दूर नहीं जाना पड़ रहा है।
उन्होंने कहा कि अगले ही महीने संविधान निर्माता बाबा साहेब डॉ भीमराव अंबेडकर जी की जयंती भी है। आज मैं दीक्षाभूमि पर बाबा साहेब को नमन किया है और उनका आशीर्वाद भी लिया है। मैं इन विभूतियों को नमन करते हुए देशवासियों को नवरात्रि और सभी पर्वों की बहुत-बहुत बधाई देता हूं। पीएम मोदी ने कहा कि राष्ट्र यज्ञ के इस पावन अनुष्ठान में मुझे आज यहां आने का सौभाग्य मिला है। आज चैत्र शुक्ल प्रतिपदा का ये दिन बहुत विशेष है। आज से नवरात्रि का पवित्र पर्व शुरू हो रहा है।  देश के अलग अलग कोनों में आज गुड़ी पड़वा, उगादी और नवरेह त्योहार भी मनाया जा रहा है। आज भगवान झूलेलाल जी और गुरु अंगद देव जी का अवतरण दिवस भी है। ये हमारे प्रेरणापुंज परम पूज्यनीय डॉ साहब की जयंती का भी अवसर है। इसी साल आरएसएस की गौरवशाली यात्रा का 100 वर्ष भी पूरे हो रहे हैं। आज इस अवसर पर मुझे स्मृति मंदिर जाकर पूज्य डॉ. साहब और पूज्य गुरुजी को श्रद्धांजिल अर्पित करने का सौभाग्य मिला है।
प्रधानमंत्री मोदी ने म्यांमार में आए भूकंप का जिक्र किया। उन्होंने पीड़ितों की मदद के लिए चलाए गए ऑपरेशन ब्रह्मा के बारे में लोगों को बताया। उन्होंने कहा कि भारत सबकी मदद के लिए सबसे पहले तैयार रहता है। तुर्किये में आए भूकंप के बाद भारत ही सबसे पहले मदद के लिए आगे आया था। कहीं युद्ध की स्थिति हुई तो सिर्फ अपने ही नहीं, दूसरे देशों के लोगों को भी वापस लाने का काम किया गया।
संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि स्वयंसेवक आगे बढ़ रहे हैं। ध्येय की एक ही दृष्टि कायम है। समाज के प्रति प्यार है। समाज में हमें हर एक व्यक्ति को दृष्टि देनी है। जीवन में जो दृष्टि आवश्यक होती है, वह जीवन की परिस्थितियों का उत्कृष्ट उपयोग करके अपने जीवन को सार्थक, निरामय और स्वस्थ बनाने में सहायक होती है। यही जीवन की दृष्टि हमें चाहिए। यह दृष्टि सेवा कौन सी है? वह है- एकांत में साधना, एकांत में परोपकार। एक घंटे शाखा में खुद का विकास और इसके बाद 23 घंटे समाज का विकास। अनुकूल परिस्थितियां मिलने के बाद भी, हर सुख-साधन पाने के बाद भी हमें उनका उपयोग करना है। इससे समाज को फायदा होगा। दुनिया को इसका लाभ होगा। इस अवसर पर सर संघ प्रमुख मोहन भागवत, केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी, मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, भाजपा के महाराष्ट्र प्रवक्ता अजय पाठक समेत अनेक गणमान्य उपस्थित रहे।

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